आरोपी प्रवेश शुक्ला को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसे रेरा, रीवा में जेल भेज दिया गया है।
पीड़ित आदिवासी व्यक्ति की पहचान छोटेलाल मरकाम के रूप में की गई है। वह सदमे की स्थिति में है और मीडिया से बात नहीं कर पा रहा है।
राज्य सरकार ने शुक्ला के घर को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। विध्वंस की कार्रवाई 6 जुलाई, 2023 को की गई थी।
इस घटना से मध्य प्रदेश और पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। लोग घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
भाजपा ने शुक्ला को पार्टी से निलंबित कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि शुक्ला को गिरफ्तार किया जाए और एससी/एसटी अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाए।
मामले की अभी भी जांच चल रही है और यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि शुक्ला को ऐसा जघन्य कृत्य करने के लिए किसने प्रेरित किया। हालाँकि, इस घटना ने भारत में आदिवासियों के खिलाफ मौजूद गहरे पूर्वाग्रह और भेदभाव को उजागर किया है।